मन्नू भंडारी की जीवनी चरित्र चित्रण मन्नू भंडारी जीवन परिचय, साहित्यिक परिचय, रचनाएँ

मन्नू भंडारी

मन्नू भंडारी की जीवनी: मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के भानपुरा गाँव की जानी मानी सुप्रसिद्ध कहानीकार मन्नू भंडारी का जन्म 3 अप्रैल 1931 में हुआ था। इनका वास्तविक नाम महेंद्र कुमारी  था। लेकिन इन्होने हमेशा लिखने के लिए मन्नू नाम का ही इस्तेमाल किया। इनकी शिक्षा ऍम ए तक ही हुई उसके बाद कुछ सालों में ये अध्यापिका के पद पर दिल्ली के मिरांडा हॉउस में कार्यरत रहीं। इसके पश्चात भी ये उज्जैन, विक्रम विश्वविद्यालय में प्रेमचंद सृजनपीठ की अध्यक्षा भी रहीं। इनके पिता श्री सुख सम्पतराय भी प्रसिद्ध लेखक थे। लेखन कला की प्रतिभा इन्हे विरासत में मिली। इनका देहावसान 2021 में गुरुग्राम में 90 साल की उम्र में हो गया।

Mannu Bhandari Biography in Hindi

लेखिका का नाम मन्नू भंडारी
जन्म तिथि3 अप्रैल 1931
जन्म स्थान भानपुरा गाँव (मध्य प्रदेश)
वास्तविक नाम महेंद्र कुमारी
पिता का नाम सुख संपतराय
माता का नाम अनुप कुमारी
भाई-बहन प्रसन्न कुमार, बसंत कुमार, स्नेहलता, सुशीला
पति का नाम राजेंद्र यादव
बेटी का नामरचना (टिंकू)
मृत्यु15 नवम्बर 2021, गुड़गांव, हरियाणा
जीवंत आयु 90 वर्ष
भाषा शैलीसरल, सहज, स्वाभाविक और भावाभिव्यक्त में सक्षमें हिंदी भाषा के साथ-साथ लोक प्रचलित उर्दू, अंग्रेजी, देशज शब्दों की बहुलता देखी जा सकती है। उन्होंने वर्णनात्मक शैली के अतिरिक्त समास और संवाद शैली का भी प्रयोग किया है।
राष्ट्रीयता भारतीय
प्रसिद्धि का कारण साहित्यकार, लेखिका, कहानीकार, उपन्यासकार,नाटककार।
स्वभाव मृदु, सौम्य, संवेदनशील।
व्यक्तित्व की विशेषताएँशिष्टता, सहनशीलता, संतोष, अधीरता।
व्यवसाय लेखक

मन्नू भंडारी साहित्यिक परिचय

मन्नू भंडारी ने धर्म युग में धारावाहिक रूप से प्रकाशित होने वाले प्रसिद्ध उपन्यास आपका बंटी से अपार लोकप्रियता प्राप्त की।यहां मन्नू भंडारी का संपर्क हिंदी जगत के कई महान साहित्यकारों से हुआ। मन्नू भंडारी को हिंदी जगत में उत्कृष्ट लेखिका होने की प्रभुता प्राप्त है। इन्होने कहानी और उपन्यास विधाओं में अनेकों रचनाएँ की, जो इनकी प्रसिद्धि का कारण हुआ। उनका एक प्रसिद्ध  उपन्यास ‘एक इंच मुस्कान’ राजेंद्र यादव के साथ रचित, पढ़े-लिखे और आधुनिकता पसंद लोगों की कष्टपूर्ण प्रेमगाथा है।

मन्नू भंडारी की प्रसिद्ध कृतियां प्रकाशन वर्ष
तीन निगाहों की एक तस्वीरसन 1959
त्रिशंकुसन 1978
मैं हार गईसन 1957
एक प्लेट सैलाबसन 1968
यही सच है सन 1966
आँखों देखा झूठा
अकेली
उपन्यास प्रकाशन वर्ष
आपका बंटी सन 1971
महाभोजसन 1979
स्वामी सन 1982
एक इंच मुस्कान (राजेंद्र यादव के साथ)सन 1961
कलवा सन 1971
नाटक संग्रह प्रकाशन वर्ष
महाभोज (नाट्य रूपांतर)सन 1983
बिना दीवारों का घरसन 1969
आत्मकथा प्रकाशन वर्ष
एक कहानी यह भी सन 2007
बाल साहित्यिक रचना
आसमाता सन 1971
आँखों देखा झूठ सन 1976

 मन्नू भंडारी के प्रसिद्ध पुरस्कार 

प्रसिद्ध पुरस्कार प्रकाशन वर्ष स्थान रचनाएँ
कला-कुंज सम्मानवर्ष 1982 नई दिल्ली में
दिल्ली शलाका सम्मानवर्ष 2006 नई दिल्ली में हिंदी अकादमी के लिए
भवभूति अलंकरणवर्ष 2007मध्य प्रदेश के हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा
18वां व्यास सम्मानएक कहानी ये भी
वर्ष 1981उत्तर प्रदेश के हिंदी संस्थान द्वारा महाभोज
वर्ष 1982कलकत्ता द्वाराभारतीय भाषा परिषद्

नव लेखन दौर की सुप्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी का प्रसिद्ध उपन्यास महाभोज आधुनिक युग के सत्ताधारियों के वास्तविक रूपों एवं गुणों को प्रतिबिंबित करने वाला है।सामाजिक यथार्थ  कुशल चित्रण करने में सक्षम मन्नू भंडारी की रचनाओं में जो कलात्मक प्रौढ़ता है, उसका महाभोज में पूर्ण परिपाक दृष्टिगत होता है। समाज में जो हो रहा है, आसपास के परिवेश  घटित हो रहा है, जागरूक लेखक उसे सहज  अनदेखा नहीं कर सकता, इसी कारण विकृत एवं भ्रष्ट होते जा रहे समाज को रूपायित कर जागरूक नागरिकों को चेतना संपन्न कर विवेक सम्मत पथ चयन करने हेतु मन्नू भंडारी ने अपने सामाजिक दायित्वों  निर्वाह करती है। इसी प्रेरणावश मन्नू भंडारी ने महाभोज की रचना की है जिसमें वर्तमान में देश में व्याप्त भ्रष्ट राजनीति का प्रसासन को मिलाकर जनतंत्र की हत्या कर अपनी स्वार्थसिद्धि का जो षड्यंत्र चल रहा है उसे रोका जा सके।

मन्नू भंडारी ने महाभोज की रचना मात्र पाठकों के मनोरंजनार्थ ही नहीं की है, अपितु इसमें वैचारिक गरिमा व्युत्पन्न होती है जिसने इसे एक विशिष्ट रूप प्रदान कर दिया है। यह उपन्यास महाभोज चुनावी राजनीती में व्याप्त भ्रस्टाचार को उजागर करने के उद्देश्य से रचा है।

महत्वपूर्ण प्रश्न 

मन्नू भंडारी का वास्तविक नाम क्या था?

मन्नू भंडारी का वास्तविक नाम महेंद्र कुमारी था?

मन्नू भंडारी के माता पिता का नाम क्या था?

मन्नू भंडारी के माता का नाम अनुप कुमारी तथा पिता का नाम सुख सम्पतराय था?

मन्नू भंडारी के भाई बहन का क्या नाम था?

मन्नू भंडारी के भाई प्रसन्न कुमार, बसंत कुमार  तथा बहन का नाम स्नेहलता, सुशीला था।

मन्नू भंडारी की प्रसिद्ध कहानियां?

मन्नू भंडारी की प्रसिद्ध कहानियां सर्व प्रथम इस प्रकार है- यही सच है, एक प्लेट सैलाब, मैं हार गई, तीन निगाहों की एक तस्वीर।

मन्नू भंडारी के प्रसिद्ध उपन्यास?

मन्नू भंडारी की प्रसिद्ध उपन्यास “आपका बंटी, महाभोज, एक इंच मुस्कान” हैं।

मन्नू भंडारी की मृत्यु?

15 नवम्बर 2021, गुड़गांव, हरियाणा में हुई।

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